एसटीडी (यौन संचारित रोग) - STD (Sexually Transmitted Diseases)
यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases- STD) शब्द का उपयोग ऐसे रोगों के लिए किया जाता है जो योनि, गुदा (Anus) या ओरल सेक्स (Oral sex) द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होते हैं। एसटीडी को यौन संचारित संक्रमण (Sexually transmitted infection- STI) या गुप्त रोग (Venereal disease) भी कहा जाता है। इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि एसटीडी केवल सेक्स द्वारा ही स्थानांतरित होते हैं। इनमें से कुछ रोगों का संक्रमण निम्न के माध्यम से भी प्रसारित किया जा सकता है
- किसी रोगग्रस्त व्यक्ति की सुई (इंजेक्शन) या शेविंग ब्लेड उपयोग करने से
- स्तनपान
- खुले घावों या छिली हुई त्वचा से
- संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर या तौलिए के उपयोग द्वारा
यौन रोग के डॉक्टर
एसटीडी के प्रकार
ये संक्रमण अधिकतर यौन संचारित होते हैं। कुछ एसटीडी के लक्षण स्पष्ट होते हैं। एसटीडी के आम लक्षण इस प्रकार हैं:
- चकत्ते
- सेक्स या पेशाब के दौरान दर्द
- औरतों में योनि के आसपास खुजली / योनि से स्राव
- पुरूषों मे लिंग से स्राव
- सौम्य फोड़े या छाले
- असामान्य छूत रोग, न समझ आने वाली थकावट, रात को पसीना आना और वजन घटना
हालांकि, कई लोगों को एसटीडी के कोई लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। कुछ एसटीडी कई वर्षों तक निष्क्रिय रहते हैं।रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, अगर सिफिलिस और एचआईवी का उपचार नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसी सामान्य बीमारियों से भी समस्याएं हो सकती हैं यदि लंबे समय तक उनका पता ही नहीं लग पाता। लम्बे समय से संक्रमित एसटीडी का यदि उपचार नहीं किया गया तो इसके संभावित परिणाम इस प्रकार हैं:-
- बांझपन
- विभिन्न कैंसर
- गंभीर बीमारियां
गोनोरिया (Gonorrhea)
गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है। इसे "द क्लैप (the clap)" भी कहा जाता है। इसके बैक्टीरिया महिलाओं व पुरुषों में तेजी से फैलते हैं। इस यौन संक्रमण से ग्रस्त होने के दो दिन से लेकर दो सप्ताह के अंदर पुरुषों को पेशाब में जलन और बाद में तरल या गाढ़ा मवाद या खूनी पेशाब आना इसका प्रमुख लक्षण है। स्त्रियों को पेशाब में जलन तथा सफेद डिस्चार्ज, पेडू (Pelvic) तथा कमर में दर्द, फैलोपियन ट्यूब्स में सूजन तथा बाँझपन होता है।
क्लैमाइडिया (Chlamydia)
क्लैमाइडिया, बैक्टीरिया द्वारा फैलने वाला सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है।
सिफलिस (Syphilis)
सिफलिस भी एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से होता है। सिफलिस को उपदंश भी कहा जाता है। यह प्रजनन अंगों से होने वाला संक्रमण है और यदि इसका जल्दी इलाज नहीं कराया जाता तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकता है।
ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) - Human immunodeficiency virus (HIV)
एचआईवी यानि ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस एक विषाणु है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव ड़ालता है और व्यक्ति के शरीर में उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिनोंदिन कमजोर कर देता है। हर दो तीन दिन में बुखार महसूस होना और कई बार तेजी से बुखार आना, एचआईवी का सबसे पहला लक्षण होता है। पिछले कुछ दिनों में पहले से ज्यादा थकान होना या हर समय थकावट महसूस करना एचआईवी का शुरूआती लक्षण होता है। एचआईवी में मरीज का वजन एकदम से नहीं घटता है। हर दिन धीरे-धीरे बॉडी के सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है और वजन में कमी होती है।
यौन संचारित रोगों का निदान - Diagnosis of sexually transmitted diseases
एसटीडी का लक्षणों के आधार पर निदान नहीं किया जा सकता है। यह निर्धारित करने के लिए टेस्ट की आवश्यकता होती है कि आपको एसटीडी है या नहीं और अगर है तो कौन सा एसटीडी है। आजकल, अधिकांश एसटीडी का मूत्र या रक्त परीक्षण द्वारा निदान किया जाता है। इसके अलावा, ब्रश से घावों की सफाई करके वायरस की जांच की जा सकती है। मूत्रमार्ग (Urethra) और योनि से सैंपल (Vaginal swabs) लेकर भी एसटीडी का निदान करने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
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